बड़ा फैसला! थानों में लंबे समय से जमे पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज – तुरंत होगा तबादला, पढ़िए पूरा आदेश!

🚨 बड़ा फैसला! थानों में लंबे समय से जमे पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज – तुरंत होगा तबादला, पढ़िए पूरा आदेश!

📍 भोपाल, मध्यप्रदेश | 10 जून 2025

मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय, भोपाल ने एक बड़ा और सख्त कदम उठाया है जिससे राज्यभर के थानों में पदस्थ कर्मचारियों और अधिकारियों में हलचल मच गई है। जिन पुलिसकर्मियों की वर्षों से एक ही थाने में पोस्टिंग चल रही थी, उनके लिए यह आदेश किसी ‘ट्रांसफर बम’ से कम नहीं है।

📄 आदेश संख्या: पु/3/कार्मिक/1520/2025
📅 तारीख: 10 जून 2025


🔍 क्या है आदेश की मुख्य बातें?

मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय ने थानों में लंबे समय से पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को तुरंत स्थानांतरित करने का सख्त निर्देश जारी किया है। यह आदेश विशेष रूप से इंदौर और भोपाल के लिए जारी किया गया है, लेकिन इसका असर पूरे राज्य में महसूस किया जाएगा।

आदेश में कहा गया है कि किसी भी कर्मचारी या अधिकारी की एक ही थाने में पोस्टिंग अधिकतम 4 वर्ष (कर्मचारी) और 5 वर्ष (अधिकारी) से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर यह समय सीमा पार हो चुकी है, तो तत्काल प्रभाव से स्थानांतरण किया जाए।


🧠 आदेश क्यों हुआ जारी?

मुख्यालय ने साफ किया है कि थानों में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनोन्मुखी कार्यप्रणाली बनाए रखने के लिए यह जरूरी हो गया था कि ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों का स्थानांतरण हो जिनकी पोस्टिंग अवधि निर्धारित सीमा से अधिक हो गई है।

👉 “ऐसे पुलिसकर्मियों की लंबे समय तक एक ही स्थान पर तैनाती से न केवल कार्य की गुणवत्ता प्रभावित होती है, बल्कि जनता की शिकायतें भी बढ़ने की संभावना रहती है।


📌 आदेश की प्रमुख शर्तें – जानिए कौन आएगा रडार पर?

  1. एक पद पर अधिकतम अवधि: किसी भी कर्मचारी की एक ही थाने में एक ही पद पर पदस्थापना सामान्यतः 4 वर्ष (कर्मचारी) और 5 वर्ष (अधिकारी) से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  2. मियाद पूरी होने पर फिर से पोस्टिंग नहीं: किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की उपरोक्त अवधि पूरी होने पर, उसे उसी पद पर उसी थाने में दोबारा पोस्ट नहीं किया जाएगा।
  3. दोबारा पोस्टिंग का गैप जरूरी: यदि किसी कर्मचारी को किसी थाने में पुनः पदस्थापित किया जाना हो, तो पिछले कार्यकाल के बाद कम से कम 3 वर्षों का अंतराल अनिवार्य होगा।
  4. 10 साल से अधिक कुल कार्यकाल नहीं: किसी भी पुलिसकर्मी की किसी एक अनुभाग में विभिन्न पदों पर कुल पदस्थापना अवधि 10 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  5. अटैचमेंट पर भी लागू: यह नियम स्थायी स्थानांतरण के साथ-साथ अटैचमेंट की समयावधि पर भी लागू होंगे।

😲 क्यों मचा है पुलिस महकमे में हड़कंप?

जिन पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की लंबे समय से “कुर्सी” से चिपकी पोस्टिंग चल रही थी, उन्हें अब यह आदेश बड़ा झटका दे सकता है। खासकर उन लोगों पर जिनकी स्थानीय प्रभावशाली लोगों से नज़दीकियां रही हैं या जो “क्लाउट” के जरिए पोस्टिंग को खींचते रहे हैं।

अब विभाग ने साफ कर दिया है कि इस आदेश का पालन नहीं करने पर जिम्मेदारी जिला पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्तों की होगी।


📢 पुलिस महकमे को मिला स्पष्ट संदेश

पुलिस मुख्यालय ने साफ कर दिया है कि पहले भी इस संबंध में आदेश जारी किए जा चुके हैं (दिनांक 15.01.2021 और 30.03.2015 को), लेकिन उनका प्रभावी पालन नहीं हुआ था। इसलिए इस बार निर्देशों को “पुनः निर्देशित” करते हुए कठोर अनुपालन का आदेश दिया गया है।


📌 क्यों जरूरी है यह कदम?

  • भ्रष्टाचार पर रोक: लंबे समय तक एक ही स्थान पर बने रहने से अधिकारियों की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं।
  • जनता की सेवा में सुधार: जब थानों में नए चेहरे आएंगे, तो काम में पारदर्शिता बढ़ेगी।
  • भीतरघात पर लगाम: “नेटवर्किंग” और “घेराबंदी” से बने शक्ति केंद्रों को तोड़ा जा सकेगा।

📈 सोशल मीडिया पर चर्चा जोरों पर!

इस आदेश की जानकारी सामने आते ही सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। कुछ लोग इस फैसले को साहसी और समयानुकूल बता रहे हैं, तो कुछ इसे “राजनीतिक दबाव” के चलते लिया गया निर्णय मान रहे हैं।

पुलिस यूनियनों और कर्मचारियों के बीच भी इस आदेश को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई कर्मचारी अब खुद को अगला ट्रांसफर कैंडिडेट मानकर तैयारी में लग गए हैं।


🧾 क्या है आगे की प्रक्रिया?

  • ✔️ सभी जिलों के पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षक को अपने-अपने थानों में पदस्थ कर्मचारियों की पदस्थापना अवधि की समीक्षा करनी होगी।
  • ✔️ जिनकी नियुक्ति आदेश के मापदंडों को पार कर चुकी है, उन्हें तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित किया जाएगा।
  • ✔️ रिपोर्ट की समीक्षा समय-सीमा के भीतर मुख्यालय को भेजनी होगी।

📣 SarkariAdesh.com की राय

SarkariAdesh.com मानता है कि इस तरह के ट्रांसफर आदेश न केवल कानून व्यवस्था को सुधारने में सहायक होते हैं, बल्कि जनता का भरोसा भी बढ़ाते हैं। यदि इस आदेश का पालन ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ होता है, तो निश्चित ही पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली में बड़ा बदलाव देखा जाएगा।


👉 क्या आपका कोई जानकार या रिश्तेदार थाने में नौकरी कर रहा है?

👉 क्या वो लंबे समय से एक ही थाने में जमे हुए हैं?

तो हो जाइए तैयार – इस बार तबादला तय है!

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